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Sunday, May 18, 2014

मम्‍मा ज़रा रूह-रफ्ज़ा बनाना—जादू डायरी

जादू की इन दिनों की बातों का पिटारा।
इन दिनों शादियां बहुत हो रही हैं। चारों तरफ़ से लाउड-स्‍पीकर का शोर। बैंड की आवाज़ें।
ऐसी ही एक शाम जादू आजिज़ आकर बोले---'अरे ओ शादी वालों। बस करो। पागल कर दोगे क्‍या'।

इतनी गरमी और उमस है कि जादू पानी पी पीकर तंग आ गए।
2014-04-13 19.14.44
पापा के पास आकर बोले--पापा देखिए, पानी पी पी कर मेरा पेट वॉटरमेलन बन गया है।

जादू का नया फंडा- पता है पापा, वॉटरमेलन और मस्क-मेलन दोनों एकदम पक्‍के फ्रैंड हैं।

पापा और जादू बाहर गये, और मम्‍मा  को सरप्राइज़ करने के लिए आइसक्रीम लाए।  
और फ्रीज़र में छिपा दी।
अब जादू को बेसब्री होने लगी। मम्‍मा को पता नहीं है। और पापा बताने नहीं दे रहे।
आखिरकार जादू से रहा नहीं गया, जाकर मम्‍मा से कहे-- 'मम्‍मा पता है, हम आपके लिए एक सरप्राइज़ लाए हैं। वो देखो, फ्रीज़र में रखा है'।

रूह-अफ्ज़ा जादू को बहुत पसंद है।
लेकिन रूह अफ्ज़ा को जादू रूह-रफ्ज़ा बोलते हैं। मम्‍मा ज़रा रूह-रफ्ज़ा बना दोगी।


एक दिन जादू को मम्‍मा-पापा के साथ नेशनल पार्क जाना था।
मम्‍मा ने पहले ही बता दिया था कि वहां मंकी नज़र आयेंगे। बनाना लेकर चलते हैं।
जादू ने जाने कहां से खोजकर एक कील भी रख ली।

मम्‍मा से बोले--मम्‍मा मैं इस कील से बंदरों को डराकर भगा दूंगा। कचूमर बना दूंगा उनका।

एक दिन जादू experience वर्ड भूल गये। मम्‍मा से कहते हैं--मम्‍मा मेरा एक्‍सपोरेन्‍ट ये है कि पेप्‍सी ग्राउंड में बहुत भीड़ होती है इस वक्‍त।

एक दिन सुबह-सुबह जादू ने कहा--मुझे एक ऐसा सपना आया था जिसमें क्रिश-3 और पापा थे। पापा ने क्रिश 3 को हरा दिया था।



4 comments:

Praksh Ingole said...

Maja aa gyaa.papa ne krish 3 ko hra diya

ब्लॉग बुलेटिन said...

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अपना अपना नज़रिया - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Shubhra Sharma said...

जादू का 'रूह रफ़ज़ा' तो फिर भी ग़नीमत है, हमारे यहाँ एक बच्ची "शिकंजविंजवीं" बनवाती थी। नीम्बू की शिकंजी बनी थी, तब उसे बताया गया था कि सही लफ्ज़ शिकंजवी है। एक 'वी' उसने अपनी तरफ से और जोड़ दिया था।

Unknown said...

wow jadu bada ho rha hai

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