जादू की पुड़‍िया में आपका स्‍वागत है। चूंकि यहां जादू के बारे में ख़बरें 'कभी-भी' और 'कितनी भी' आ सकती हैं। और हो सकता है कि आप बार-बार ब्‍लॉग पर ना आ सकें। ऐसे में जादू की ख़बरें हासिल करने के लिए ई-मेल सदस्‍यता की मदद लें। ताकि 'बुलेटिन' मेल-बॉक्‍स पर ही आप तक पहुंच सके।

Sunday, May 13, 2012

आमिर अंकल मतलब 'सतमेव गयते'

रोज़ाना एक ख़ास समय पर सबेरे एक एरोप्‍लेन गुज़ारता है।

और जादू जी खिड़की पर जाकर उससे बातें करते हैं।

आज जब गुज़रा तो जादू ने पापा से पूछा--'पापा कितने बजे की फ्लाइट है'।
पापा अचकचा गये, बोले--बेटा डेढ़ बजे की।

जादू--'तो फिर पापा मैं सायकिल चलाने जाऊं'।

................................................................................

संडे सबेरे-से जादू ब्रेड खाने के चक्‍कर में था।

पापा से बोला, वाह पापा ब्रेड...क्‍या बात है।

फिर जादू ने पापा के लिए कहानी बनाई, पता है पापा, 
मैंने फिश से पूछा, फलेरो (जादू की पसंदीदा एक जूसी चॉकलेट)
खाओगी। तो फिश बोली, नईं मैं तो ब्रेड खाती हूं।
फलेरो तुम खाओ।

...............................................................................

कल पापा के साथ जादू कहीं जा रहा था।

तभी सिग्‍नल पर एक एंबूलेन्‍स गुज़री।

सायरन बज रहा था।

जादू ने पापा से पूछा--पापा इस गाड़ी में आवाज़

क्‍यों हो रही है। क्‍या किसी ने इस गाड़ी को हाथ

लगाया है। दरअसल हमारी गाड़ी में 'ऑटो-कॉप' लगा है

इसलिए अगर कोई गाड़ी को ज़रा-सा भी छुए तो गाड़ी

सायरन बजाती है। अकसर जादू को सबसे पहले सुनाई

देता है कि नीचे किसी ने गाड़ी के साथ छेड़छाड़ की है।

और जादू को बहुत गुस्‍सा आता है।

एंबूलेन्‍स के सायरन को सुनकर जादू ने सोचा कि

इस गाड़ी को भी किसी ने हाथ लगाया है, इसलिए इसमें

इतनी ज़ोर से सायरन बज रहा है।

फिर मम्‍मा ने जादू को एंबूलेन्‍स और सायरन के बारे में बताया।

.......................................................................................

पिछले कुछ दिनों से लगातार रेडियो पर 'दिल पे लगी और बात बनी'
का प्रोमो बज रहा है। घर पर रेडियो बजता रहता है।

कल जादू खेलते-खेलते बोला---दिल पे लगी....और बात बन गई।

मम्‍मा जादू की ये बात सुनकर दंग रह गयीं।

पापा घर पर नही थे, जब होते हैं तो कभी-कभी जादू के साथ छिपा-छिपी

खेलते हैं। जादू मम्‍मा से बोला, 'मम्‍मा जादू को छिपा लो, पापा आयेंगे

तो ढूंढ नहीं पायेंगे'। मम्‍मा बोली, नहीं बेटा पापा देर से आयेंगे। वो

आमिर ख़ान अंकल को रिकॉर्ड करने गये हैं। जानते हो आमिर अंकल को'

जादू बोला--''हां जानता हूं ना। आमिर अंकल मतलब 'सतमेव गयते'।''
.........................................................................................

मम्‍मा-पापा घर में ही कहीं थे।

जादू की ज़ोर से आवाज़ सुनाई दी, मम्‍मा-पापा बचाओ।

दोनों भागकर आए।

देखा, जादू का हाथ या पैर कहीं फंस तो नहीं गया।

कहीं गिर तो नहीं गया।

पहुंचे तो देखा कि पता नहीं कहां से एक जाले का
टुकड़ा आकर गिरा है। और जादू उस से डर रहा है।

'मम्‍मा ये देखो जाला, गंदू हताओ इसे'

.....................................................................................

Wednesday, May 9, 2012

चंदामामा को फोन लगाईये, जादू बात करेगा

जादू ने पापा के कई नाम रखे हैं।

जब बहुत प्‍यार आता है जादू पापा को 'पापे' कहते हैं।

जब टॉफी चाहिए या बाहर घूमने जाना है या फिर

अपने मन का कोई काम करवाना है
तो जादू आकर कहते हैं --'पापे आप बहुत अच्छे हो'।
आज पापा को बिज़ी देखकर जादू अपना ध्‍यान खींचने के लिए कह रहे हैं--'पापू पापा, आप कैसे हो'। इसी तरह मम्‍मी को पुकारने का नया तरीक़ा है--'मम्‍मा-मम्‍मी'

जादू पापा के पास आकर कह रहे हैं,
पापा मेरे ब्‍लॉग पर ये भी लिख देना। ठीक है पापा।
moon dark glasses

 



बुद्ध पूर्णिमा के दिन पापा-मम्‍मा जादू को 'मून' दिखाने ले गये।

जादूजी ने मून को देखकर गाने गाए--'चंदा मामा दूर के'। 'चंदा है तू'।

'चंदा मामा आरे आवा पारे आवा'। 'चंदा मामा सो गए सूरज चाचू जागे'।

फिर जिद पकड़ ली, मम्‍मा चंदामामा को फोन लगाईये, जादू को बात करनी है।

मम्‍मा परेशान, चंदामामा को कैसे फोन लगायें, कैसे बात करायें।
किसी तरह जादू को मनाया गया।

........................................................................................

Friday, May 4, 2012

बकरी, तुम खाना खाके सो जाना

goat2

आज जादू पापा के साथ गोराई खाड़ी के विलेज-मार्केट में
गया था।
सब्जियां खरीदने।

वहां जादू को एक गोट/बकरी दिखी। देखते ही 
बोला--अरे पापा  देखिए। गोट मतलब बकरी।
उसके आगे वो खाड़ी में समुद्र का पानी देखने भी गया।

वहां बोट भी दिखी।

जादू को सबसे ज्‍यादा मज़ा आया बकरी देखने में।

उसने गोट से बातें भी कीं।

बोला--'तुम कैसी हो गोट....। खाना खाया।'

जादू ने उसे थपकी भी दी।

फिर बोला--'अले ये कुछ बोलती क्‍यों नहीं'।

जाते-जाते उसने गोट से बाय की और कहा--'गोट तुम

खाना खाकर सो जाना'।

Thursday, May 3, 2012

जादू-बुलेटिन--लस्‍सी लस्‍सी।

अभी-अभी पापा मलाईदार लस्‍सी लाये हैं।

और जादू नीचे साइकिल चलाकर लौटा है।

मम्‍मा ने कहा, जब तक हाथ-पैर नहीं धोओगे--
और खाना नहीं खाओगे लस्‍सी नहीं मिलेगी।

(क्‍योंकि लस्सी पीने के बाद जादू खाना नहीं खाते)

पर जादू रटते रहे, मम्‍मा दे दो ना।
पीज़ (प्‍लीज़) दे दो ना।

जब देखा कि दाल नहीं गल रही है, तो ब्रह्मास्‍त्र चलाया।

मम्‍मा जादू भूखा-प्‍यासा नीचे से खेलकर आया है,
पीज़ दे दो ना।
और मम्‍मा ख़ुद को रोक नहीं पाई हैं।

................................................................

पापा और बबलू चाचा फ़ोन पर बात कर रहे थे।

पापा ने जादू से बात कराए बिना फ़ोन रख दिया।

जादू ने पापा के पास आकर बोला--

चाचा से ये क्यों नहीं बोला कि जादू उन्‍हें पटक-पटक कर मारेगा।

(ये वाक्‍य जादू और बबलू चाचा की झड़प का 'मोटो' है। )

...................................................................

एक दिन जादू से पापा ने पूछा, जादू आपको कौन-कौन से गाने

पसंद हैं। तो जादू ने कुछ इस तरह गिनाये।

जादू---'पापा जादू को पसंद है--साडा हक (रॉक-स्‍टार) 

औल...रब राखां (love break-up zindagi)
औल--पिया ले (पिया रे--तेरे नाल लव हो गया)'

पापा--और जादू और कौन सा

जादू--औल........अम्‍म्‍ममम.....'तिकनी तमेली'।

पापा-- और

जादू---तम्‍मक-त‍ल्‍लो

पापा—और

जादू--औल 'शो जा लाजकुमाली'

 

ज़रा देखिए जादू किन गानों से होते हुए सहगल तक पहुंचे हैं।