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Sunday, August 21, 2011

भारत माता की जय

अन्‍ना हज़ारे के अनशन की वजह से टीवी पर ख़बरों में अकसर

'भारत माता की जय' सुनाई पड़ता है।
और जादू भी आजकल दिन भर 'भारत माता की जय' बोलता रहता है।

संभाल के

जादू हमेशा साहसिक करतब करता है।

आज दोपहर गाव-तकिए पर खड़े होकर 'वन-टू-थ्री' कर रहा था।

मम्‍मा से बोला, मम्‍मा संभाल के, जादू नहीं गिरेगा।
इसी तरह बेड पर जंप करते वक्‍त भी यही बोलता है।

सोफे़ से भी।

मम्‍मा बोलती हैं, बेटा संभलना मम्‍मा को नहीं आपको है।
पर जादू की समझाईश जारी रहती है,

मम्‍मा संभालके। सुनिए। संभालके जादू नहीं गिरेगा।

आवाज़ कट रही है।

जादू पापा की टेबल पर लैंड-लाइन फोन से खेल रहा था।

हैलो--सविता, हां, आवाज़ नहीं आ रही है।
अरे आवाज़ कट रही है।

जादू को भी पता है कि मौसी के फ़ोन से अकसर आवाज़ नहीं आती।

नेटवर्क गड़बड़ रहता है।

चलो सब्‍ज़ी खाओ

डॉक्‍टर अंकल  (डॉ. देवांग शाह) ने जादू को समझाया था--
तुम्‍हें सब्जियां भी खानी चाहिए।

आज पापा खाना खा रहे थे तो जादू ने पापा से कहा,

पापा डॉक्‍टर अंकल ने कहा है, सब्जियां भी खानी चाहिए।
चलो सब्‍ज़ी खाओ।
पापा ने कहा, डॉक्‍टर अंकल ने तो तुमसे कहा था ना।

जादू के आगे किसकी चलती है। सब्‍ज़ी पापा ने खाई।
जादू ने नहीं।

नईं बोलो।

कल मम्‍मा ने कहा, ये चादर बदल देना चाहिए।
जादू ने मम्‍मा से कहा--'नईं मम्‍मा चादर नहीं बोलो'।
अब मम्‍मा सोच में हैं कि चादर को चादर ना बोलें तो क्‍या बोलें।

आक्‍छीं। दवा खाईये।

पापा को छींक आई।
फिर दूसरी भी आई।

जादू ने पुकार लगाई।

पापा मीठी-दवा खा लीजिए।
(पिछले कुछ दिनों से सर्दी-ज़ुकाम से परेशान रहने के बाद जादू का सीखा सबक़)