मम्मा बाहर गयी हैं।
जादू पापा के साथ है।
नीचे खेलकर आया है। और पापा से जादू ने कहा--
पापा पानीयम्।
पापा ने पानी पिलाया।
फिर बोला--पापा, दाल-डावल-चीच
अभी-अभी जादू ने दाल-चावल और cheese
खाया है।
अच्छा बच्चा जादू।
नन्हे जादू का अपना t w i t t e r.
जादू की पुड़िया में आपका स्वागत है। चूंकि यहां जादू के बारे में ख़बरें 'कभी-भी' और 'कितनी भी' आ सकती हैं। और हो सकता है कि आप बार-बार ब्लॉग पर ना आ सकें। ऐसे में जादू की ख़बरें हासिल करने के लिए ई-मेल सदस्यता की मदद लें। ताकि 'बुलेटिन' मेल-बॉक्स पर ही आप तक पहुंच सके।
मम्मा बाहर गयी हैं।
जादू पापा के साथ है।
नीचे खेलकर आया है। और पापा से जादू ने कहा--
पापा पानीयम्।
पापा ने पानी पिलाया।
फिर बोला--पापा, दाल-डावल-चीच
अभी-अभी जादू ने दाल-चावल और cheese
खाया है।
अच्छा बच्चा जादू।
मंडे को गुड़ी पाड़वा के दिन जादू मम्मा-पापा के ऑफिस गया था।
तबिता (सविता मौसी) भी वहीं थीं।
जादू ने तबिता को खूब दौड़ाया।
वहां कमला आन्टी ने सिखाया बेटा ये मौसी हैं।
जादू बोला--नईं हैं। तबिता हैं।
जादू ने ऑपिच में खूब मस्ती की।
सबको दौड़ाया।
लौटने को तैयार नहीं था।
आखिरकार ज़बर्दस्ती लाना पड़ा।
रास्ते में 'काऊ' देखकर जादू हंसने भी लगा।
जब मम्मा के मोबाइल्स पर कॉल आए
तो पापा नहीं उठा सकते।
यहां तक कि हैंडसेट मम्मा को उठाकर दे भी नहीं सकते।
इसी तरह जब पापा के मोबाइल पर कॉल आए तो
मम्मा का हाथ लगाना मना है।
अगर हिमाक़त की तो जादू हंगामा कर देता है।
आज जादू ने मम्मा को इतना सताया कि
उनकी आंखें भर आईं।
परेशान मम्मा बोली--
जादू और कितना परेशान करोगे।
जादू मासूमियत से दोनों कान पकड़कर बोला--
मम्मा थॉली।
मम्मा का ग़ुस्सा फुर्र हो गया।
जादू को अच्छी तरह पता है कि
कब पापा घुमाने ले जायेंगे
और कब वो जल्दी में हैं।
आज जब पापा नहाकर आए
और तैयार हो रहे थे तो जादू बालकनी पर खड़ा
birds देख रहा था।
पापा को देखकर जादू बोला--पापा टा-टा।
पापा को जादू पर बहुत प्यार आया।
जब भी पापा मम्मा को 'पिक-अप' करने ऑफिस जाते हैं,
और जादू साथ होता है
तो सीधे घर आना मुमकिन नहीं।
क्योंकि गाड़ी जैसे ही ऑफिस से लेफ्ट मुड़ती है
जादू उछलने लगते हैं
और कहते हैं इस तरफ़ नहीं, उस तरफ़ चलो।
अकसर जॉगर्स पार्क या बाज़ार या पेप्सी ग्राउंड जैसी जगहों पर
'हाजि़री' बजाकर ही घर लौटा जा सकता है।
आजकल जादू ने कुछ नई ट्रिक्स सीखी हैं।
जब भी कहीं हल्की-सी भी चोट लग जाए, जिसके बारे में
मम्मा कहतीं हैं कि चींटी ने पैर मारा है..
तो भी जादू कहते हैं---'ऊ ऊ ऊ दब्बा दब्बा' (दवा दवा)
फिर मम्मा जादू को बोरोलीन या नीविया या फिर
नारियल का तेल जो भी सामने दिख जाए लगा देती हैं।
बस जादू का (नकली) दर्द ख़त्म हो जाता है।
दूसरी ट्रिक
अगर जादू कहीं गिर जाता है, तो उस जगह की पिटाई होती है।
हॉल, बेडरूम, सीढ़ी, लिफ्ट, बिल्डिंग के मैदान, पापा-मम्मा के स्टूडियो,
दीवारों, गाड़ी के दरवाज़े सबकी पिटाई कर चुके हैं जादू जी।
तीसरी ट्रिक
मान लीजिए कि जादू को चोट लग गयी है।
हल्की फुल्की चोट।
और पापा-मम्मा कुछ दूर खड़े हैं या बैठे हैं।
तो वहीं से फूंक मार देते हैं।
जादू का दर्द ख़त्म हो जाता है।