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Wednesday, January 19, 2011

गिर पड़े

जादू जी पापा के साथ घूमने गए थे।

हाथ छुड़ाकर भागे ही थे कि बजरी पर पैर पड़ा

और फिसल गए।

नाक और गाल पर ख़रोंच आई है।

पर जादू जी पूरे रंग में हैं।

अब सो चुके हैं।

ये 'आटा' क्या होता है

जादू ने रसोई में जाकर आटे का कनस्‍तर खो‍ल लिया।

हाथ में आटा लगाया।

फिर उसे चखा।

ख़राब लगा।

तो उसे चेहरे पर पोत लिया।

मम्‍मा 'सामन' (साबुन) से जादू का हाथ मुंह धुलवा रही हैं।

मुरमुरे

img1100517019_1_1जादू को हर चीज़ चम्‍मच से खाने का शौक़ चढ़ा है।

इसलिए मम्‍मा ने मुरमुरे (लाई) भून कर दिए।
ताकि जादू देर तक चम्‍मच से खाता रहे।

एकाध दाना मुंह में जाता था और बाक़ी बिखर जाते थे।

पूरे हॉल में मुरमुरे बिखरे हैं।

और मम्‍मा साफ़ कर रही हैं।

ब्‍लैक-डॉगी

मम्‍मा ऑफिस से लौटीं तो जादू उन्‍हें घुमाने ले गया।
मम्‍मा ने घर लौटना चाहा तो 'जादू' उन्‍हें खींचकर 'पेप्‍सी ग्राउंड' ले गया।

और 'कौए' ढूंढने लगा।

पेप्‍सी ग्राउंड में कौए और कबूतर सुबह सुबह आते हैं।
फिर एक ब्‍लैक-डॉगी के पीछे 'जादू' बीच सड़क पर भागा।

मम्‍मा उसे गोद में लेकर मुश्किल से घर लाईं।

 

मटर

आज मटर-पुलाव बन रहा है।

जादू ने ढेर सारे मटर छीले हैं।

कुछ पापा को खिलाए

और बाक़ी ज्‍यादातर यहां-वहां बिखेर दिये हैं।

जादू कुछ भी कर सकता है।

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