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Friday, May 20, 2011

तब्‍बत तब्‍बत।।

जादू कभी-कभी सुबह बहुत ख़राब मूड में उठता है। ACE3612_1lg__58902_zoom
ज़्यादातर हंसता हुआ।
आज सुबह जब जादू उठा तो उसने देखा कि
उसकी 'डॉल' (गुलिया) उसके उठने का इंतज़ार कर रही है।

जैसे ही जादू जागा, गुलिया ने कहा कि
उसे वैसे ही 'टक-बक-टक-बक' करना है....जैसे जादू पापा
की पीठ पर करता है।

फिर क्‍या था--जादू फंस गए।
सुबह-सुबह जादू बन गए घोड़ा और
गुलिया बन गयी सवार।
और फिर बहुत देर तक 'तब्‍बत तब्‍बत' हुआ।

मम्‍मा-पापा को बड़ा मज़ा आया।

1 comments:

daanish said...

हमें भी
बड़ा मज़ा आया जी !!

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