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Saturday, December 17, 2011

जादू बुलेटिन

आइंस्‍टीन या न्‍यूटन ?

 

सुबह जादू जिस स्‍टूल पर बैठे थे
उसी को उठाने की कोशिश कर रहे थे।
और बोल रहे थे--बाप रे। बहुत भारी है।

फिलॉसफी

अभी-अभी जादू ने ज्ञान दिया है।

जादू जब बड़ा होगा तब बड़ा होगा।

इसीलिए इतनी शरारत करता है।

 

गाना

जादू गा रहा था--'मेरा प्‍यार शालीमार'

पापा चौंक गये। ये गाना कहां से आया।

खोजबीन करने पर पता चला कि ये किसी नारियल तेल

के विज्ञापन में आता है।

 

मावूती सुजुकी
जादू आजकल गाडियां पहचानते हैं। जैसे ही गाड़ी दिखती है कहते हैं वो देखो रिट्ज़।

एक दिन सिग्‍नल पर बोले, पापा देखो फीगो। जादू को फीगो पसंद है।

टी वी पर विज्ञापन का असर है जादू बोलते हैं मावूती सुजुकी वेगन आर।

इसे क्‍या कहा जाए।

 

अरे भैया
पता नहीं कहां से जादू ने 'अरे भैया' सीख लिया है।

बानगी देखिए--

'अरे भैया जादू को नहीं खाना है'

'अरे भैया सोने दीजिए'

'अरे भैया चलिए ना'

'अरे भैया जल्‍दी'

 

 

रेडियोसखी 

पापा कभी-कभी मम्मा को रेडियोसखी कहते हैं।

एक दिन जादू कहते पाए गए--रेडियोसखी जादू को पानी चाहिए।

दादाजी का हैपी बर्थडे।

कल दादाजी का हैप्‍पी बर्थडे था।

जादू ने दादा को फोन किया। और तरह तरह की कहानियां सुनाईं।

दादा केक तैये। गुलाला-जामुन तईये।

सेलिब्रेशन करना है।

और बोला टी वी नहीं देखना। नईं तो लायन आ जायेगा।
लायन नहीं कोकोदाइल आ जाएगा। और मंकी बोलेगा—भागो।

फिर बिल्‍ली बोलेगी ऐसा नईं करते।

कहानी का कोई ओर-छोर नहीं था।

फिर जादू ने दादाजी को 'कोलावेरी' भी सुनाया।

बड़ा मज़ा आया।

Saturday, November 26, 2011

हैपी बर्थडे, केक मिलेगा?

थोड़े दिन पहले मम्‍मा का हैपी बर्थडे बीता है।

जादू ने मम्‍मा को गिफ्ट भी दिया और हाथ मिलाकर विश भी किया।

जादू के स्‍कूल में अकसर ही किसी ना किसी बच्‍चे का बर्थडे होता है

इसलिए टिफिन में केक दिया जाता है।

जो जादू को घर आकर खाना होता है। कभी कभी स्‍कूल में ही खिला दिया जाता है।

जादू के लिए बर्थडे का मतलब है केक।

मम्‍मा के बर्थडे के एक हफ्ते बाद जादू को अचानक पता नहीं क्‍या याद आया, cake

वो मम्‍मा के पास पहुंचा। उनका हाथ पकड़कर मिला लिया।

और विश किया--मम्‍मा हैपी बर्थडे।

उस दिन जादू ने कम से कम दो दर्जन बार मम्‍मा को विश किया।

बेचारी मम्‍मा को लिखने-पढ़ने के काम में काफी डिस्‍टर्ब हुआ।

जादू केक की जुगाड़ में थे। जो उन्‍हें शाम को खिला दिया गया।

अब आज फिर वही हाल है।

जादू पापा के पास आकर की-बोर्ड से हाथ हटाकर पापा को विश कर रहे हैं।

फुसफुसाकर कहते हैं--पापा का हैपी बर्थडे है ना। 'सेलीबेसन' (celebration) होगा ना।

केक मिलेगा।

पापा ने बताया कि अभी कई दिन बाद है पापा का बर्थडे।

थोड़ी देर बाद जादू अपने टॉय की बैटरी लेकर लौटे हैं।

बैटरी का हैपी बर्थडे है ना। केक मिलेगा।

आज बैटरी, टेडी बेयर, कार, फ्रॉग जाने किस-किसका हैपी बर्थडे हो चुका है।

पर बेचारे जादू को मम्‍मा-पापा केक नहीं दे रहे।

Saturday, November 12, 2011

मम्‍मा का मोबाइल और 'जादू जादू'

सुबह-सुबह विविध-भारती लगा था।
'कोई मिल गया' का गाना बज रहा था--'जादू जादू'
दरअसल ये मम्‍मा के मोबाइल का रिंग-टोन है।
जब भी 'जादू-जादू' बजे तो जादू यही समझता आ रहा है कि
मम्‍मा के लिए किसी का फ़ोन आया है।
जादू ने मम्‍मा का फोन ढूंढा।
नहीं मिला।

फिर बोला--'अले मम्‍मा का मोबाइल ऑफिस में छूट गया है। अब का कलें।
तलो तलो तैयाल हो। मम्‍मा का मोबाइल लेने ऑफिस दाना है।'



जादू की जादुई-बुद्धि ने कहानी ये बनाई कि चूंकि
मम्‍मा का मोबाइल दफ्तर में छूट गया है। और बज रहा है इसलिए
रेडियो पर 'जादू-जादू' की आवाज़ आ रही है।

जबकि मम्‍मा का मोबाइल मम्‍मा के पर्स में था।
तो सुनिए वही गाना।

 

Wednesday, November 9, 2011

पेट्रोल नहीं फ्रूटी भरवाईये

जादू पापा के साथ जा रहा था। मम्‍मा कुछ ख़रीद रही थीं। पापा ने कहा, हम अभी आते हैं। Frooti-Pet-250-ml
जादू-- पापा जादू कहां जा रहा है। 
पापा--पेट्रोल भरवाने।

जादू--पेट्रोल नहीं भरवाईये। फ्रीटी भरवाईये।

पापा--पर गाड़ी में तो पेट्रोल भरा जाता है।

जादू--प्‍यास लगी है। जादू को फ्रीटी भरवाईये।

पापा को समझ में आ गया कि जादू समझ रहा है कि गाड़ी पेट्रोल से चलती है और जादू फ्रीटी से।

लेकिन सच ये है कि जादू को फ्रीटी कई महीनों बाद एकाध बार मिलता है। वो भी एक-दो घूंट। पर जादू ऐसा कोई मौक़ा नहीं छोड़ता।
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पापा जादू को लेने स्‍कूल गये।

एक नन्‍हीं बच्‍ची स्‍कूल से अपनी मम्‍मा के साथ घर जा रही थी।

पापा (जादू से) -- बेटा ये कौन है।
जादू--ये मुनमई है (मृण्‍मयी)
पापा--एक्‍स्‍क्‍यूज़ मी। क्‍या आपकी बेटी का नाम मृण्‍मयी है
मृण्‍मयी की मम्‍मा--अरे वाह। इसे तो इतना टफ़ नाम भी याद रह गया।

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कल पापा कहीं गये थे। मम्‍मा बहुत थक गयी थी। लेकिन जादू से कह दिया था कि पार्क में चलते हैं। फिर मन नहीं कर रहा था।

मम्‍मा (जादू से) --बेटा कल पार्क में चलेंगे। आज रहने दो।

जादू--मम्‍मा जादू का दिल मत तोड़ो। पार्क में चलो। मम्‍मा बच्‍चे का दिल मत तोड़ो।

 

 

सवाल--जादू ने ये जुमला कहां से सीखा होगा।

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पापा आज दफ्तर से लौटे तो जादू बोला--'जादू को बोट देखनी है'

फिर क्‍या था। पापा जादू को गोराई खाड़ी लेकर गए।

और बोट दिखाई। शुक्र है कि जादू मान गया। वरना गोराई बीच जाना पड़ता।

 

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Sunday, November 6, 2011

जादू बुलेटिन

1. अभी-अभी मम्‍मा ने जादू से पूछा--आज जादू डिनर में क्‍या खायेगा।

जादू ने कहा—लड्डू

मम्‍मा--अरे बाबा खाना क्‍या खायेगा

जादू—मिठाई

मम्‍मा--मिठाई तो खाने के बाद पर खाने में क्‍या।

जादू--मम्‍मा जादू का दिल मत तोड़ो ना।

मम्‍मा-सब्‍ज़ी रोटी खायेगा जादू

जादू--जादू को पतंद नहीं है।



2. सुबह मम्‍मा ऑफिस गई थीं। पापा ने कहा जादू मिल्‍क पियेगा।
जादू--जादू मिल्‍क नहीं पियेगा। आजकल जादू मिल्‍क नहीं पीता इसलिए जादू

मोता हो गया है।



3. आज जादू पापा के साथ जा रहा था। मम्‍मा ने डांटा, जादू ऐसे मत चलो।

जादू--मम्‍मा जादू बहुत मासूम है। मत दांतो ना।



4. पापा ने गाड़ी चलाते हुए अचानक ब्रेक लगाया।

जादू ने पापा को डांटा--पापा क्‍यूं किया ऐसा। दीक से गाड़ी चलाईये।


Sunday, October 30, 2011

फुलझडियां...

उस दिन बबलू चाचा आए थे। जादू ने उनके साथ फुलझडियां जलाईं।

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Tuesday, September 6, 2011

ये जादू-वाणी है

अकसर पापा जादू की आवाज़ रिकॉर्ड करते हैं।
पर रंजन अंकल की फ़रमाईश पर जादू-वाणी की पहली पोस्‍ट।
इसके बाद किसी दिन 'जादू-दर्शन' भी आयेगा।

'जादू वाणी' की पहली पोस्‍ट में जादू कुछ कविताएं सुना रहे हैं।

'बबलू हाथी राजा लाए', 'जॉनी जॉनी', 'धोबी आया', 'लकड़ी की काठी' 
'मछली जल की रानी है'  'नानी तेरी मोरनी' वग़ैरह।
 

 

Sunday, September 4, 2011

खांसी

मम्‍मा जादू को दवा पिला रही थीं।

जादू बोले--'खांसी आ रही है इसलिए दवा पीना है'।

छाता ले लो बारिश हो रही है।

बारिश से जुड़ी जादू की ताज़ा बातें।

 

1. अभी अभी मौसी से बातें हो रही थीं फोन पर।

मौसी ने कविता सुनाने को कहा।

जादू बोले--'मतनी (मछली) जल की रानी है। जीवन उशका पानी है।'

तभी बारिश शुरू हो गयी।

कविता बंद और जादू फटाक से बोले--'छाता ले लो बारिश हो रही है'।

 

2. कल बारिश हो रही थी। जादू खिड़की पर पहुंचे और बोले--ऐ बारिश।

पानी पी लेना। भीगना मत। चलो जाओ। मम्‍मा बुला रही है।

 

 

3. पापा कहीं बाहर गए थे। बारिश हो रही थी। जादू खिड़की पर लाकर बोले--

'पापा जल्‍दी आना। भीगना मत। ठीक है। ओके। सुना।'

जादू को लगता है कि खिड़की पर खड़े होकर बोलने से सब सुन लेते हैं।

Sunday, August 21, 2011

भारत माता की जय

अन्‍ना हज़ारे के अनशन की वजह से टीवी पर ख़बरों में अकसर

'भारत माता की जय' सुनाई पड़ता है।
और जादू भी आजकल दिन भर 'भारत माता की जय' बोलता रहता है।

संभाल के

जादू हमेशा साहसिक करतब करता है।

आज दोपहर गाव-तकिए पर खड़े होकर 'वन-टू-थ्री' कर रहा था।

मम्‍मा से बोला, मम्‍मा संभाल के, जादू नहीं गिरेगा।
इसी तरह बेड पर जंप करते वक्‍त भी यही बोलता है।

सोफे़ से भी।

मम्‍मा बोलती हैं, बेटा संभलना मम्‍मा को नहीं आपको है।
पर जादू की समझाईश जारी रहती है,

मम्‍मा संभालके। सुनिए। संभालके जादू नहीं गिरेगा।

आवाज़ कट रही है।

जादू पापा की टेबल पर लैंड-लाइन फोन से खेल रहा था।

हैलो--सविता, हां, आवाज़ नहीं आ रही है।
अरे आवाज़ कट रही है।

जादू को भी पता है कि मौसी के फ़ोन से अकसर आवाज़ नहीं आती।

नेटवर्क गड़बड़ रहता है।

चलो सब्‍ज़ी खाओ

डॉक्‍टर अंकल  (डॉ. देवांग शाह) ने जादू को समझाया था--
तुम्‍हें सब्जियां भी खानी चाहिए।

आज पापा खाना खा रहे थे तो जादू ने पापा से कहा,

पापा डॉक्‍टर अंकल ने कहा है, सब्जियां भी खानी चाहिए।
चलो सब्‍ज़ी खाओ।
पापा ने कहा, डॉक्‍टर अंकल ने तो तुमसे कहा था ना।

जादू के आगे किसकी चलती है। सब्‍ज़ी पापा ने खाई।
जादू ने नहीं।

नईं बोलो।

कल मम्‍मा ने कहा, ये चादर बदल देना चाहिए।
जादू ने मम्‍मा से कहा--'नईं मम्‍मा चादर नहीं बोलो'।
अब मम्‍मा सोच में हैं कि चादर को चादर ना बोलें तो क्‍या बोलें।

आक्‍छीं। दवा खाईये।

पापा को छींक आई।
फिर दूसरी भी आई।

जादू ने पुकार लगाई।

पापा मीठी-दवा खा लीजिए।
(पिछले कुछ दिनों से सर्दी-ज़ुकाम से परेशान रहने के बाद जादू का सीखा सबक़)

Thursday, August 18, 2011

गॉनवीटा

1. जादू को दूध में गॉनवीटा डालकर पीना है।

(बॉर्नवीटा)

2. आज जादू 'कान्‍हा' बनकर स्‍कूल गए थे। प्‍ले-ग्रुप में
आज जन्‍माष्‍टमी का उत्‍सव था।

3. आजकल जादू बहुत सारे वाक्‍य ओ.के. से ख़त्‍म करते हैं।
पानी पी लिया। ओ.के.। खाना खा लिया। ओ.के.। चलते हैं ओ.के.।
डीवीडी लगाईये। ओ.के.। हर चीज़ पर ओ.के.।

Wednesday, August 17, 2011

पापा के मुंह में घुटूं

जादू पापा के साथ खेल रहे थे।
अचानक गाना गाने लगे--चंदा मामा दूर के
पुए पकाएं पूर के।
उसके बाद 'चंदा मामा आरे आवा' को इसमें मिक्‍स कर

दिया और बोले--

पापा के मुंहवा में घुटूं।

जादू अभी-से रीमिक्‍स करने लगे हैं।

मम्‍मा रूकिए।

मम्‍मा 'कौन बनेगा करोड़पति' देखते हुए अचानक लेट गयीं।
जादू मम्‍मा के साथ ही थे।

जब मम्‍मा उठने लगीं तो बोले—मम्मा लेटिए।

मम्‍मा ने तीन-चार बार उठने की कोशिश की।

हर बार जादू ने कहा--'मम्‍मा लेटिए। मत उठिए।

मम्‍मा लेटी हैं। जादू भी।

'कौन बनेगा करोड़पति' चल रहा है।

 

बाक़ी काम ठप्‍प हैं।

चलिए आलू खाईये.

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आज डिनर पर जब पापा उठने लगे तो जादू ने कहा--
'पापा खा लिया खाना। पेट भरी 'गयी'।
पापा ने कहा--'हां बेटा'। 
जादू--'चलिए आलू खाईये। डॉक्‍टर अंकल ने कहा है, आलू भी खाना चाहिए।

मम्‍मा ने कहा--'आलू तुमको खाने को कहा है जादू, चलो खाओ'


जादू की थाली में आलू परोसा गया। पर जादू ने नहीं खाया।

'पर उपदेश कुशल बहुतेरे'।

Monday, August 8, 2011

पेपर और साइकिल.

सुबह सुबह जादू ने देखा कि पापा पेपर पढ़ रहे हैं।
जादू ने भी पेपर पढ़ा।

पेपर में दस जगह पर चंदा-मामा पहचाने।

जब पापा पेपर रखकर हट गये तो सारे पेपर लपेटकर

जादू ने रैक में सही जगह रख दिये हैं।

और 'मेरी सायकिल है' कहते हुए अपनी सायकिल चला रहे हैं।

Sunday, August 7, 2011

बारिश निन्‍नी करो

बारिश आ रही है। rain

जादू सोने गया है।

अचानक बोल रहा है--बाडिश आ रही है।

जवाब हैं—हां।

जादू बारिश से--'बाडिश नईं आओ। चुप। बाडिश तलो निन्‍नी करो। 'बाडिशे शो जाना घप्‍पे (घर पे)

बाय शी-यू।

जादू के ताज़ा सीखे वाक्‍य

गाड़ी में जाते हुए---'पापा पीछे से गाड़ी आ रही है'।

मम्‍मा से---'जादू को डिड्डी नईं चैये'।

ट्रैफिक-सिग्नल पर--'सिग्‍नल सिग्‍नल'।

लैंडलाइन फोन उठाकर---'डॉक्‍टर अंकल सुई लगायेंगे क्‍या'।

खिड़की पर खड़े होकर---'हाय बारिश'

टैडी बेयर से---- 'तलो हटो, भाग जाओ। नईं आना जादू के पास'

मम्‍मा से (जादू की नकल करने पर) --'नईं बोलिए ऐसे'।

सीबीबी एनीमेशन चैनल देखते हुए---ऐ बर्ड पेड़ पर मत चढ़ो। रूक जाओ।

किसी का भी फ़ोन आए, तो पापा से--'कौन था, क्‍या बोला'।

दिन में बीस बार---'जादू को हाथ धोने हैं, बेसिन से' (मतलब गीला होना है)

इसके बाद--'ती-थर्ट गीला हो गया'।

टेडी-बेयर से--'तलो घूमकर आते हैं'।

..............अगले अंक में जारी

Friday, August 5, 2011

हैलो डॉक्‍टर अंकल

'हलो डॉक्‍टर अंकल। 237-doctor-t-shirt

मैं जादू बोल रहा हूं।

आप टॉफी देते हैं।'

इन दिनों जादू डॉक्‍टर अंकल से बहुत मिला है

इसलिए फोन उठाकर उनसे बातें करने की

एक्टिंग करता है।

डॉक्‍टर अंकल (डॉक्‍टर देवांग शाह) जादू को लास्‍ट

में 'हाजमोला कैंडी' देते हैं।

जादू को बाक़ी चीज़ों से नहीं अपनी 'टॉफी' से मतलब है।

इसलिए वो हर फोन से डॉक्‍टर अंकल को फोन लगाता है।

'तलो बाहर दाओ'

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एक हफ्ते से जादू जी की तबियत ख़राब थी।

सर्दी-खांसी-बुख़ार। 

संडे खांसी तो अचानक इतनी बढ़ गयी कि
मम्‍मा-पापा पैनिक हो गए।
पर अब जादू बहुत बेहतर है।
अभी-अभी उसके रास्‍ते में एक चींटी आ गई।

और जादू ने उससे क्‍या कहा, सुनिए।

'जाओ जाओ, चलो हटो। अपने रास्‍ते पर जाओ, चींटी बाहर जाओ।'
चींटी बेचारी क्‍या करती। गई।

Thursday, August 4, 2011

ब्रश करना है

शाम के पांच बज चुके हैं। जादू टॉम एंड जैरी देख रहे हैं।

और जैरी को ब्रश करते देखकर उनका मन भी ब्रश करने

को करने लगा है। पापा से कह रहे हैं ब्रश करना है।

आखिरकार ब्रश पर पेस्‍ट लगाकर देना पड़ा।
उसके बाद चेयर सरका कर बेसिन की तरफ चल पड़े।
पूछा कहां चले। बोले--'जादू कुल्‍ला करने जा रहा है'।

Friday, July 8, 2011

कट्टी, नईं करनी बात।।

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कल पापा नया माउस लाए।
जादू माउस के पैकेट से खेल रहा था। 
पता नहीं क्‍या हुआ थोड़ी देर बाद जादू ने

माउस के पैकेट से कहा--''कट्टी, नहीं करनी बात''

बेचारा माउस-पैकेट।

Friday, May 20, 2011

तब्‍बत तब्‍बत।।

जादू कभी-कभी सुबह बहुत ख़राब मूड में उठता है। ACE3612_1lg__58902_zoom
ज़्यादातर हंसता हुआ।
आज सुबह जब जादू उठा तो उसने देखा कि
उसकी 'डॉल' (गुलिया) उसके उठने का इंतज़ार कर रही है।

जैसे ही जादू जागा, गुलिया ने कहा कि
उसे वैसे ही 'टक-बक-टक-बक' करना है....जैसे जादू पापा
की पीठ पर करता है।

फिर क्‍या था--जादू फंस गए।
सुबह-सुबह जादू बन गए घोड़ा और
गुलिया बन गयी सवार।
और फिर बहुत देर तक 'तब्‍बत तब्‍बत' हुआ।

मम्‍मा-पापा को बड़ा मज़ा आया।

Thursday, May 19, 2011

मत्‍तर

मम्‍मा ये मत्‍तर काटा है।
ये मत्‍तर काटा है।

दब्‍बा लगाओ। mosquito

चलो बैट से पोहा बुहारें

जादू ने पोहा खाया
खाया कम पर बहुत गिराया
फिर पूरे घर में फैलाया

और मम्‍मा ने झाडू उठाया।
जादू ने फिर बैट उठाया।

 

झाडू और बैट से पोहा बटोरा जा रहा है।

Tuesday, May 17, 2011

जादुई शब्‍दकोश।।

पिज थन्‍ना है। Cartoon_helicopter
चाय तत्‍ता है।
पानी थन्‍ना है 
दाल-आबल तत्‍ता है।
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फ्रिज ठंडा है।
चाय गर्म है
पानी ठंडा है
दाल-चावल गर्म है।
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trainतक्‍कर नईं है
शक्‍कर नहीं है
-------------------
ऐवीकॉकल। हेलीकॉप्‍टर 
पेन। प्‍लेन।

टेन। ट्रेन।
बश। ब्रश
पिच्‍च। फिश



बद। बर्ड
तर्ड। कर्ड- दही
तीकंद। श्रीखंड।
बनाना। बनानानानानानानानानानानानानानानानानानानानाना।
apple—एप्‍पल
बिंडी- भिंडी।
बिंडी- बिन्‍दी। (इसे अंदाज़े से समझना पड़ता है)
ककिया- तकिया।

ककई—ककड़ी 
अक्‍कल- अंकल
दबंग--सलमान ख़ान।

तम्‍मन-चम्‍मच  
तॉली—थाली
तॉली-कटोरी।

..........................................................................अगले भाग में जारी।।

Monday, May 16, 2011

दीवीदी

horseडॉक्‍टर मामा ने जादू के लिए डीवीडी भेजी है।
आजकल जादू रोज़ सुबह 'लकड़ी की काठी' और 
'आलू कचालू' सुनता और देखता है। 

और देख-देखके एक्टिंग भी करता है।

और दिन भर दीवीदी की डिमान्‍ड भी करता है।

पिच्‍च

कल जादू मम्‍मा-पापा के साथ 'सावरकर पार्क' की सैर पर गया था।
वहां आजकल एक छोटा-सा एक्‍वेरियम खुल गया है।
जादू को 'फिश़' देखकर बड़ा अच्‍छा लगा।
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वैसे जादू को फिश इतनी पसंद है कि पापा ने
अपने स्‍क्री‍न सेवर पर भी 'पिच्‍च'लगा रखी है।
और पास की एक 'शॉप' पर बिना 'एक्‍वेरियम'  देखे
आगे नहीं बढ़ता।

जादू को 'पिच्‍च' बहुत पसंद है।

ब्रश।।

आज जादू जी ने उठते ही cartoon-toothpaste-toothbrush-thumb2887476अपने ब्रश की बजाए, मम्‍मा का ब्रश उठा लिया और लगे अपने  आप ब्रश करने। पहली बार मम्‍मा को ब्रश कराने की मशक्‍कत नहीं करनी पड़ी। जादू जी अपने आप ब्रश कर रहे थे।


जादू ब्रश को 'बश' बोलता है।

Thursday, May 5, 2011

हैलो टेस्टिंग

हैलो टेस्टिंग टेस्टिंग।

Tuesday, April 5, 2011

दाल-डावल-चीच

मम्‍मा बाहर गयी हैं।

जादू पापा के साथ है।

नीचे खेलकर आया है। और पापा से जादू ने कहा--

पापा पानीयम्।

पापा ने पानी पिलाया।

फिर बोला--पापा, दाल-डावल-चीच

अभी-अभी जादू ने दाल-चावल और cheese

खाया है।

अच्‍छा बच्‍चा जादू।

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आजकल जादू को बर्ड देखना बहुत पसंद है।


घंटों बेडरूम या हॉल की खिड़की पर बनी बालकनी में चढ़ा रहता है।

और बर्ड देख देखकर खुश होता है।

जादू प्रकृति-प्रेमी है।

'ऑपिच'

मंडे को गुड़ी पाड़वा के दिन जादू मम्‍मा-पापा के ऑफिस गया था।
तबिता (सविता मौसी) भी वहीं थीं। cow-01

जादू ने तबिता को खूब दौड़ाया।

वहां कमला आन्‍टी ने सिखाया बेटा ये मौसी हैं।

जादू बोला--नईं हैं। तबिता हैं।

जादू ने ऑपिच में खूब मस्‍ती की।

सबको दौड़ाया।

लौटने को तैयार नहीं था।

आखिरकार ज़बर्दस्‍ती लाना पड़ा।

रास्‍ते में 'काऊ' देखकर जादू हंसने भी लगा।

अपना अपना मोबाइल यूज़ करो।

जब मम्‍मा के मोबाइल्‍स पर कॉल आए

तो पापा नहीं उठा सकते।

यहां तक कि हैंडसेट मम्‍मा को उठाकर दे भी नहीं सकते।

इसी तरह जब पापा के मोबाइल पर कॉल आए तो

मम्‍मा का हाथ लगाना मना है।

अगर हिमाक़त की तो जादू हंगामा कर देता है।

मम्‍मा फिर से थॉली

आज जादू ने मम्‍मा को इतना सताया कि
उनकी आंखें भर आईं।

परेशान मम्‍मा बोली--

जादू और कितना परेशान करोगे।

जादू मासूमियत से दोनों कान पकड़कर बोला--

मम्‍मा थॉली।

मम्‍मा का ग़ुस्‍सा फुर्र हो गया।

पापा टा-टा

जादू को अच्‍छी तरह पता है कि

कब पापा घुमाने ले जायेंगे

और कब वो जल्‍दी में हैं।

आज जब पापा नहाकर आए

और तैयार हो रहे थे तो जादू बालकनी पर खड़ा

birds देख रहा था।

पापा को देखकर जादू बोला--पापा टा-टा।

पापा को जादू पर बहुत प्यार आया।

 

घर मत चलो

जब भी पापा मम्‍मा को 'पिक-अप' करने ऑफिस जाते हैं,

और जादू साथ होता है

तो सीधे घर आना मुमकिन नहीं।

क्‍योंकि गाड़ी जैसे ही ऑफिस से लेफ्ट मुड़ती है

जादू उछलने लगते हैं

और कहते हैं इस तरफ़ नहीं, उस तरफ़ चलो।

अकसर जॉगर्स पार्क या बाज़ार या पेप्‍सी ग्राउंड जैसी जगहों पर

'हाजि़री' बजाकर ही घर लौटा जा सकता है।

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images जादू को टॉम एंड जेरी बहुत पसंद है।

टी.वी. पर जब भी टॉम और जेरी आता है

जादू बिल्‍ली या टैटी (कैटी) कहकर देखने लगते हैं।

ऋषि अंकल तो इत्‍ते बड़े हो गए।
पर अब तक टॉम एंड जेरी देखते हैं।

फिर जादू देखता है तो क्‍या बुरा है।

क्‍या आपको भी टॉम एंड जेरी पसंद है।

 

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''दब्‍बा दब्‍बा'' जादू की नई डॉक्‍टरी

आजकल जादू ने कुछ नई ट्रिक्‍स सीखी हैं।

जब भी कहीं हल्‍की-सी भी चोट लग जाए, जिसके बारे में

मम्‍मा कहतीं हैं कि चींटी ने पैर मारा है..

तो भी जादू कहते हैं---'ऊ ऊ ऊ दब्‍बा दब्‍बा' (दवा दवा)

फिर मम्‍मा जादू को बोरोलीन या नीविया या फिर

नारियल का तेल जो भी सामने दिख जाए लगा देती हैं।

 

बस जादू का (नकली) दर्द ख़त्म हो जाता है।

दूसरी ट्रिक
अगर जादू कहीं गिर जाता है, तो उस जगह की पिटाई होती है।

हॉल, बेडरूम, सीढ़ी, लिफ्ट, बिल्डिंग के मैदान, पापा-मम्‍मा के स्‍टूडियो,

दीवारों, गाड़ी के दरवाज़े सबकी पिटाई कर चुके हैं जादू जी।

 

 

तीसरी ट्रिक

मान लीजिए कि जादू को चोट लग गयी है।

हल्‍की फुल्‍की चोट।

और पापा-मम्‍मा कुछ दूर खड़े हैं या बैठे हैं।

तो वहीं से फूंक मार देते हैं।

जादू का दर्द ख़त्‍म हो जाता है।

Friday, April 1, 2011

चलो परदे के पीछे छिप जायें

आजकल जादू पैनी निगाहों से मम्‍मा को देखता रहता है।

और जैसे ही मम्‍मा को--

1. दवा निकालते देखता है
2. खाना परोसते देखता है

3. (बदलने के लिए) जादू के कपड़े तैयार करते देखता है
4. या कोई भी ऐसा काम करते देखता है--जो उसे झंझट लगे

तो फ़ौरन भागकर हॉल या बेडरूम में पर्दे के पीछे जाकर

कुछ यूं छिपता है कि पता ही ना चले।

कई बार मम्‍मा को धोखा हुआ कि जादू गया कहां।

पर आजकल मम्‍मा समझ गयीं हैं।

और जादू को हमेशा पर्दे के पीछे से ही पकड़ लिया जाता है।

लेकिन बदमाश जादू मम्‍मा को देखते ही पर्दे के पीछे से फुर्ती से

निकल कर छिपने की दूसरी जगह ढूंढता हुआ भाग निकलता है।

घर में मम्‍मा और जादू का 'पकड़ा-पकड़ी' या 'चूहा-बिल्‍ली' का खेल

चलता रहता है।

इंडिया इंडिया इंडिया

लगता है जादू पर भी वर्ल्‍ड कप फाइनल का असर चढ़ गया है।

आज पापा ने जादू से कहा बोलो बेटा 'इंडिया'।

और बस उसके बाद पूरी शाम जादू रटता रहा--'इंडिया इंडिया इंडिया'।

अब बताईये भला कि जब जादू हो तो कल इंडिया क्यों ना जीते।

''थॉली मम्‍मा''

आज जादू ने मम्‍मा की चूडियों का पूरा का पूरा सेट

ज़ोर से फेंक दिया।

चूडियां यहां-वहां बिखर गयीं। (मेटल की थीं, टूटी नहीं)

मम्‍मा को ग़ुस्‍सा आने ही वाला था कि
जादू ने दोनों कान पकड़े और बोला--'थॉली मम्‍मा' (सॉरी मम्‍मा)

ग़ुस्‍सा ख़त्‍म और प्‍यार शुरू।

मम्‍मा ने जादू को गोद में लेकर बहुत प्‍यार किया।

बदमाश जादू।

Wednesday, March 30, 2011

पानीयम्

आजकल जादू हर शब्‍द का संस्‍कृ‍त रूप बोलता है।

और ये बात उसे किसी ने सिखाई नहीं है।
उसने अपने आप 'पानी' को 'पानीयम्' या 'पानम्'

और 'छिच्‍छी' को 'छिच्‍छीयम्' बोलना शुरू कर दिया है।

कुछ और मिसालें---'बिच्‍चीयम' (बिस्किट के लिए) । 'पेपरम्'। वग़ैरह।

आज का पेपर

आज जादू दोपहर तक पापा के साथ है।

शरारतों से पूरा घर सिर पर ले रखा है जादू ने।

अभी-अभी आज का अख़बार किचन की 'सिंक' में फेंक आया है।

अरे भई 'भारत-पाक' सेमीफायनल के दिन

पेपर का क्‍या काम।

सही तो किया जादू ने।

Thursday, March 3, 2011

आज सुबह की तस्‍वीरें

आज सुबह जब हॉल में धूप-छाया का खेल जारी था तब पापा ने ये तस्‍वीरें ली हैं।

एकदम ताज़ा तस्‍वीरें।
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Saturday, February 26, 2011

आज 'जादू' का जन्‍मदिन है।

आज शरारत की ये पुडिया दो बरस की हो गई।

सुबह से घर में शरारतों का जमघट है।

आज की शरारतों की फ़ेहरिस्‍त बाद में।

फिलहाल तो इतना ही कि

शाम को कुछ लोग घर पर आ रहे हैं।


पापा केक ले आए हैं। फ्रिज में सुरक्षित है।

जादू ने 'रिबन्‍स एंड बलून्‍स' में केक लेने से पहले

पेस्‍ट्री सफ़ाचट कर ली है।
डॉक्‍टर मामा का गिफ्ट आ चुका है।

देवेंद्र मामा की कविता फ़ोन पर उन्‍हीं की आवाज़ में रिकॉर्ड हो चुकी है।

जन्‍मदिन की तैयारियां ज़ोरों पर हैं।
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Thursday, February 24, 2011

ऐ ऑतो

जादू ने पता नहीं कहां से 'ऑटो' रोकना सीख लिया है।Auto_Rickshaw

वो रोड पर पहुंचते ही बोलता है--'ऑतो....ऐ ऑतो'। 

और ऑटो वाले रूक जाते हैं।


एक दिन सविता मौसी के साथ जब जादू टहलने निकले
तो
कई ऑटो को रूकवा लिया।

जिन आन्‍टी के घर जादू दिन भर रहते हैं शायद उनके साथ

ऑटो की सैर करते हुए जादू ने ये हुनर सीखा है।

सड़क पर जादू चाहे कार में ही क्‍यों ना जा रहे हों--

ऑटो देखकर कहेंगे--'ऑतो.....ऐ ऑतो.....'।

इंजीनियर

जादू को चीज़ें जोड़ना बहुत पसंद हैं।

लेकिन चीज़ों को जोड़ा तब जाता है

जब वो टूट जाएं।

इसका मतलब समझे आप।

जादू एक तोड़ू इंजीनियर हैं।

थॉली और टेन-टेन

आजकल जादू नए नए शब्‍द सीख रहा है।

वो कान पकड़कर मम्‍मा को 'थॉली'  (सॉरी) बोलता है।

और खूब मुस्‍कुराकर बोलता है--'टेन टेन' (थैंक्‍यू)।

बदमाशी

एक दिन जादू ने 'लैक्‍टो-कैलामाइन लोशन'

की शीशी लेकर उसे पूरे बेड पर फैला दिया।

और अपने चेहरे और हाथ पैरों पर लगा लिया।

आजकल जादू की बदमाशियां बढ़ती जा रही हैं।

जादू का जन्‍मदिन आ रहा है

जादू का जन्‍मदिन है शनिवार को।

जादू दो साल का हो जाएगा।
मम्‍मा-पापा तैयारी कर रहे हैं आजकल।

रो पड़ीं

एक दिन जादू ने मम्‍मा को इतना सताया कि

मम्‍मा रो पड़ीं।

फिर जादू को बहुत प्‍यार भी किया।

मुश्किल काम

'एक बेहद शरारती बच्‍चे के मां-बाप होना

एक बेहद मुश्किल काम है।'

---'जादू के पापा'

Wednesday, February 9, 2011

ऋत्विक भैया

एक दिन जादू के विशेष-भक्‍त, मित्र, गाइड और शरारतों के साथी ऋत्विक भैया

चले आए।

उनका क्‍या हश्र किया गया। इन तस्‍वीरों में देखिए।

1. उनके बाल खींचे गए।

2. उनके सिर पर चढ़कर बैठा गया

3. उनके साथ फुटबॉल, क्रिकेट, दौड़ और छिप्‍पी खेला गया।

अब क्‍या-क्‍या बताएं।

जब ऋत्विक भैया चले गए तो जादू बोला--'बैया नईं आं'

यानी भैया नहीं हैं।

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तबिता

आजकल जादू की सविता मौसी से खूब बनती है।

सोमवार को पूरे दिन जादू मौसी के साथ रहे।

ख़ूब मस्‍ती की।

और तब से आज तक बीच-बीच में ज़ोर-ज़ोर से चिल्‍लाते हैं

'तबिता आने' यानी सविता आईये।

अभी 'मौसी' शब्‍द जादू के शब्‍द-कोष में नहीं है।

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सविता मौसी के साथ जादू की एक पुरानी फोटो।

टेलीफ़ोन

अभी-अभी किसी का लैंड-लाइन पर फोन आया।
जादू ने फौरन उठा लिया।

पहले कुछ अगड़म-बगड़म बोले--अपनी भाषा में।

और फिर मम्‍मा को पकड़ा दिया।

अब जादू मम्‍मा की गोद में बैठकर उनकी बातें सुन रहे हैं।
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Wednesday, February 2, 2011

नहीं दूंगा

आज 'इस्‍त्री' के लिए कपड़े लेने वाला बंदा आया।

'जादू' ने मम्‍मा के कपड़े देने से इंकार कर दिये।

शायद उसे लग रहा हो कि मेरी मम्‍मा के कपड़े

ये बंदा कहां ले जा रहा है।

बड़ी मुश्किल से जादू को समझाया गया कि

कल प्रेस होकर ये कपड़े वापस आ जायेंगे।

दबन

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जब घर में कोई छोटा बच्‍चा हो...वो  भी जादू जैसा
महा-शरारती/ महा-बदमाश/ महा-सक्रिय
तो दिन में कई बार हैरत का सामना होता है।

आज पापा फ़ोन पर किसी से बात कर रहे थे
TV म्‍यूट किया था....'दबंग' का गाना आया।
'जादू' की नज़र पड़ी...
फ़ौरन जादू ने डान्‍स शुरू कर दिया।

दबन...दबन....दबन।

'जादू' को 'दबंग' का Title Song बहुत पसंद है।

 

दबन और तिल्‍ला

टेलीविजन और रेडियो के side-effects.
हर जगह कुछ गाने लगातार बज रहे हैं।

और 'जादू'  ने ना जाने कैसे दो गाने सीख लिए हैं।

'दबन दबन दबन'

और

'तील्ला तील्‍ला तील्‍ला'
'जादू' इन गानों के इंट्रो म्‍यूजिक से
ही इन्‍‍हें पहचान लेता है।

कुछ चीज़ों पर आपका वश नहीं होता।

ताबी आ...?

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आजकल बाहर निकलने से पहले जादू जी
मम्मा-पापा से पूछते हैं--चाभी है।
जादू की भाषा में चाभी को 'ताबी' कहते हैं।


तो घर से निकलते ही जादू जी पूछते हैं--'ताबी आ'

यानी 'चाभी है'।

ये बात जादू ने मम्मा-पापा की बातें सुनकर सीखी है।

दरअसल मम्‍मा-पापा घर से निकलते हुए एक-दूसरे से
पूछते हैं--चाभी ली है ना।

  

ज़ुकाम

जादू को सूखा ज़ुकाम हो गया है।

आक्‍छीं।

आक्‍छीं।

आक्‍.....छीं।

ओम्

आज जादू ने टी.वी. पर बाबा रामदेव
को देखकर ओम सीखा।

ओम के बजाए म्‍म्‍म्‍म्‍म्‍म्‍म करते हैं जनाब।

शरारतों की फ़ेहरिस्‍त

सीधे फेहरिस्‍त पर आते हैं।

1. आज सुबह जादू ने मम्‍मा की गर्मागर्म चाय की प्‍याली में
कटा हुआ apple डाल दिया।

2. बालकनी पर रखी अपनी तिपहिया सायकिल से

खूब सारी बातें कीं।

3. शाम को जब पापा घर पर आए-- तो कहा पापा--'टी.वी.'

यानी टी.वी. चलाईये। जादू ने आज पहली बार टी.वी. शब्‍द बोला।

 

Monday, January 31, 2011

जादू बाबा खिलौने वाले

आज रात आठ बजे जादू बाबा खिलौने वाले

अपनी बैठक पर विराजमान हुए।
भक्‍तों को आर्शीवाद दिया।

अमृतवचन सुनाए।

उसके बाद सोने जा ही रहे थे कि जादू बाबा के

विशेष-भक्‍त ऋत्विक आ पहुंचे हैं।
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Friday, January 28, 2011

छोले-भटूरे

आज जादू ने छोले-भटूरे खाए।

दरअसल सविता मौसी आज

छोले-भटूरे बनाकर लाईं थीं।

जादू जी के मज़े हो गए।

चलो मोतीचूर के लड्डू खाएं

छब्‍बीस जनवरी को पापा को याद आए वो मोतीचूर के लड्डू

जो स्‍कूल में बंटते थे।

गए लेकर आए।

और जादू ने किया पूरे डिब्‍बे पर क़ब्‍ज़ा।

तो चलिए हो जाएं।
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छुटकू सा है और इत्‍ती बदमाशी

जादू ने मम्‍मा से कहा--'मम्मा निहाने'
यानी मम्‍मा नहाने चलो।

और मम्‍मा जब जादू को नहलाने लगीं तो

चुपके से जादू ने मम्‍मा के ऊपर पूरा एक मग पानी
डाल दिया।

अब मम्‍मा छनछना रही हैं--कित्‍ता बदमाश है जादू।

छुटकी सा है और इत्ती बदमाशी।  

Wednesday, January 26, 2011

पापा की चप्‍पल।

अपने छोटे साइज़ के जूते-चप्‍पल पहन-पहन कर

बोर हो गया था।

इसलिए मौक़ा पाकर पापा की चप्‍पल पहन ली है।

कहिए कैसी लग रही है। 
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नाचती हुई पूसी कैट, रोता हुआ जादू

आज जादू सुबह चार बजे रोता हुआ उठा।
मम्‍मा ने चुप कराया।

नहीं हुआ।

दूध दिया पीने के लिए।

पी लिया।

पर चुप नहीं हुआ।

पापा ने चुप करवाया।

चुप हो गया।

कैसे?
अपनी फेवरेट 'पूसी-कैट' को देखकर।

ये रही।
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टाइगर रिपब्लिक डे

जादू को  सबसे अच्‍छी झांकी लगी
केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग की।

पूछिए क्‍यों।

क्‍योंकि उसमें 'टाइगर' था और
टाइगर आजकल जादू का फेवरेट है।
जादू आजकल टाइगर की आवाज़ निकालने की
कोशिश करता है।

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Tuesday, January 25, 2011

सूटकेस पर योग

आज जादू दिन भर पापा के साथ था।

और मम्‍मा थीं ऑफिस में।

पापा ने किसी काम से सूटकेस निकाला।

और जादू ने अपना काम शुरू कर दिया।

देखिए और सीखिए सूटकेस पर योग कैसे किया जाता है।

1. सबसे पहले सूटकेस को उल्‍टा कर लीजिए। और उस पर
औंधे लेट आईये। भीतर सांस लीजिए।


2. अब संभलकर सूटकेस पर खड़े हो जाईये और सांस छोडिए। इस बात का

पूरा ध्‍यान रखना है कि आप गिर ना पड़ें।
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3. अब सूटकेस पर पैर मोड़कर बैठ जाईये और मुस्‍कुराईये।
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कहिए। तरोताज़ा महसूस हो रहा है ना।
इस योग से तमाम तनाव और थकान दूर होते हैं।

कमज़ोर दिल वाले इस योग को ना करें।

Monday, January 24, 2011

दो नन्‍हे ब्‍लॉगरों की मुलाक़ात

कल रात एक ऐतिहासिक 'ब्‍लॉगर-मिलन' हुआ।

'जादू' और  'आदि' की मुलाक़ात हुई कल।

दो नन्‍हे ब्‍लॉगरों ने किस मुद्दे पर बात की।

और क्‍या-क्‍या शरारतें कीं।

सारी ख़बरें जल्‍दी ही जादू के मुख्‍य-ब्‍लॉग पर।

फिलहाल तो ये तस्‍वीर।

जिसमें हैं 'जादू', 'आदि' और रंजन अंकल।
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Friday, January 21, 2011

क्‍या मैं उतना शरारती लगता हूं

क्‍या चेहरे से मैं उतना शरारती लगता हूं......
जितना मैं असल में हूं।


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फ़रमाईशी फोटू

परसांत कक्‍का और नूपुर दीदी की फ़रमाईश पर

चम्‍मच से परांठा खाने की तस्‍वीरें।

ब्रेकफास्‍ट हो गया।

और अब जादू शरारत करने में फास्ट हो गया है।

एक्‍ट-1

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और ये एक्‍ट-2
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कैसी लगीं।

Thursday, January 20, 2011

मोज़े या पैज़ामा

जादू को एक नया आयडिया आया।

उसने अपना पैज़ामा उतार दिया और

पता नहीं कहां से पापा के मोज़े निकाले।

उन्हें पहनने की कोशिश में वो हो गए उल्टे।

फिर किसी तरह पैरों में चढ़ाने में कामयाबी हासिल कर ली।

चुपके से ली गयी फोटो में देखिए।
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चलो कूदें

अभी-अभी जादू कुर्सी पर खड़े हो गए
और शुरू दी गिनती-

'मन (वन), टू, टा (थ्री)
तब तक मम्‍मा की समझ में आ गया

कि जादू जम्‍प मारने वाले हैं।

और उन्‍होंने पकड़ लिया।

वरना आज जादू कुर्सी के ऊपर से छलांग मर लेते।
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भीग गए

अभी अभी जादू नहाकर एकदम तैयार होकर खेलने निकले।

किचन में एक भगोने में पानी रखा था।

जादू जी ने उस पानी को अपने ऊपर गिरा लिया।

भीग गए। ठंड लगी।

सोचा इससे पहले कि डांट पड़े....रोने लग जाओ।

कपड़े बदलकर फिर से जादू जी को राजा-बेटा बना दिया गया है।

इस पानी से फिसलकर मम्‍मा भी गिरते गिरते बचीं।

ख़ुराफ़ात

जादू ने अभी-अभी अपने एक पैर में
अपने एक टॉनिक का डिब्‍बा जूते की तरह पहन लिया।
और चलने की कोशिश करने लगा।

मम्‍मा ने देख लिया।

और समझाकर मना किया।

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नाक पर ख़रोंच

 
कल रात बजरी पर गिरने से जादू की नाक में ख़रोंच आ गयी है।

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लेकिन जादू की मस्‍ती कायम है।

आज सबेरे पापा के साथ टहलते हुए जादू ने बिल्लियों को दौड़ाया।

कौओं और कबूतरों के पीछे भागा।

डॉगी को 'भूं भूं' किया।

और फुटबॉल भी खेला।

तस्‍वीर में जादू अपना 'पियानो' बजाते हुए।

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