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Friday, June 5, 2015

आज मम्मा उदास थी

मेरी मम्मा भी बड़ी अजीब है .......गाना बज रहा था _चल री सजनी अब क्या सोचे कजरा न बह जाये रोते रोते ...गाना सुनते हुए अचानक रोने लगीं  ...मैं चिंतित हो गया क्या करूं .....मैं उनके पास गया उनक आंसू पोंछे और उन्हें चुप कराया जैसे वे मुझे कराती हैं ..पूछने पर पता चला उन्हें अपने बाबा यानि मेरे नाना की याद आ गई  ...ये उनके पापा का फेवरेट सांग था । 

समझ नहीं पा रहा कि उनके होठों पे मुस्कान के मोती कैसे बिखेरूं .....

Wednesday, May 6, 2015

सेल्‍फ़ी खींचने का शौक़।

जादू के समर वेकेशन का मतलब है घर पर धमाचौकड़ी।
अकसर ही मम्‍मा-पापा का सेलफोन अपनी जगह से ग़ायब पाया जाता है।
फिर उसी जगह पर दोबारा मिल भी जाता है।
तफ्तीश करने पर पता चला कि चूंकि जादू को मोबाइल पर गेम नहीं मिलते- इसलिए
वो बीच बीच में मम्‍मा-पापा का फोन बरामद करके सेल्‍फ़ी़ज़ खींचते हैं।
हाल ही में पापा को अपने मोबाइल पर ये सेल्‍फीज़ मिलीं।
जो जादू की शरारत का सुबूत हैं।

जा़हिर है कि इतने तरह के मुंह जादू बना सकते हैं।
आप कितनी तरह के मुंह बना सकते हैं बताइये बनाकर ज़रा।


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और ये वो सेल्‍फ़ी- जो पापा ने जादू के साथ एक मॉल में मस्‍ती करते हुए खींची थी।
यानी बेटा तो बेटा--बाप रे बाप।

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Tuesday, May 5, 2015

ये घड़ी क्‍यों बनी है पापा।

आजकल जादू के vacations चल रहे हैं।
जादू सुबह उठकर आलस करता रहता है। देर से उठना। देर से ब्रश करना।
देर से नहाना। आज सुबह पापा जादू के पीछे पड़ गये। उसे बाथरूम में घुसा दिया।

जादू बाहर निकला और पापा से पूछा-- पापा ये घड़ी क्‍यों बनी है। क्‍या इसलिए कि लोग टाइम देख सकें।

पापा की समझ में आ गया कि जादू के मन में क्‍या चल रहा है।
जादू सोच रहा है कि अगर वॉच ना होती तो लोग टाइम ना देख पाते।
और जादू को भी सुबह सुबह बाथरूम में नहीं घुसना पड़ता।
जादू की मौज हो जाती।

Sunday, May 18, 2014

मम्‍मा ज़रा रूह-रफ्ज़ा बनाना—जादू डायरी

जादू की इन दिनों की बातों का पिटारा।
इन दिनों शादियां बहुत हो रही हैं। चारों तरफ़ से लाउड-स्‍पीकर का शोर। बैंड की आवाज़ें।
ऐसी ही एक शाम जादू आजिज़ आकर बोले---'अरे ओ शादी वालों। बस करो। पागल कर दोगे क्‍या'।

इतनी गरमी और उमस है कि जादू पानी पी पीकर तंग आ गए।
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पापा के पास आकर बोले--पापा देखिए, पानी पी पी कर मेरा पेट वॉटरमेलन बन गया है।

जादू का नया फंडा- पता है पापा, वॉटरमेलन और मस्क-मेलन दोनों एकदम पक्‍के फ्रैंड हैं।

पापा और जादू बाहर गये, और मम्‍मा  को सरप्राइज़ करने के लिए आइसक्रीम लाए।  
और फ्रीज़र में छिपा दी।
अब जादू को बेसब्री होने लगी। मम्‍मा को पता नहीं है। और पापा बताने नहीं दे रहे।
आखिरकार जादू से रहा नहीं गया, जाकर मम्‍मा से कहे-- 'मम्‍मा पता है, हम आपके लिए एक सरप्राइज़ लाए हैं। वो देखो, फ्रीज़र में रखा है'।

रूह-अफ्ज़ा जादू को बहुत पसंद है।
लेकिन रूह अफ्ज़ा को जादू रूह-रफ्ज़ा बोलते हैं। मम्‍मा ज़रा रूह-रफ्ज़ा बना दोगी।


एक दिन जादू को मम्‍मा-पापा के साथ नेशनल पार्क जाना था।
मम्‍मा ने पहले ही बता दिया था कि वहां मंकी नज़र आयेंगे। बनाना लेकर चलते हैं।
जादू ने जाने कहां से खोजकर एक कील भी रख ली।

मम्‍मा से बोले--मम्‍मा मैं इस कील से बंदरों को डराकर भगा दूंगा। कचूमर बना दूंगा उनका।

एक दिन जादू experience वर्ड भूल गये। मम्‍मा से कहते हैं--मम्‍मा मेरा एक्‍सपोरेन्‍ट ये है कि पेप्‍सी ग्राउंड में बहुत भीड़ होती है इस वक्‍त।

एक दिन सुबह-सुबह जादू ने कहा--मुझे एक ऐसा सपना आया था जिसमें क्रिश-3 और पापा थे। पापा ने क्रिश 3 को हरा दिया था।



Thursday, January 9, 2014

पापा क्‍या मून सब लोगों के साथ साथ चलता है।

कल रात जादू पापा के साथ कहीं जा रहे थे। आसमान में चांद दिखा। जादू बोले--पापा पापा देखिए moon. moon …फिर बहुत देर तक जादू मून को देखते रहे। गाड़ी आगे बढ़ती रही। जादू बोले--पापा क्‍या ये मून सब लोगों के साथ-साथ चलता है। पापा ने बताया-- हां बेटा। अच्‍छा तो इसका मतलब जब हम घर पहुंच जायेंगे तो मैं मून को देखूंगा और हैरान रह जाऊंगा कि ये तो वही रास्‍ते वाला मून है।
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जादू ने आज दोपहर पापा से कहा, पापा आप आमिर अंकल को हमारी बिल्डिंग में बुलवाईये ना। पापा ने पूछा पर क्‍यों बेटा। जादू बोले-- पापा मैं आमिर अंकल से कहूंगा कि जैसे वो धूम-3 में बिल्डिंग से उतरते हैं--वैसे ही दीवार पर चलकर हमारी बिल्डिंग से भी उतरें।
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पापा ने पूछा, जादू आज स्‍कूल में क्‍या हुआ।
जादू ने बताया-- आज स्‍कूल में मैंने और दर्श ने एक- दूसरे को चार बार सॉरी कहा। मैंने कहा--क्‍यों, कैसे।
जादू बोले--पहली बार दर्श ने मेरी गर्दन पर चिकोटी काटी। मैंने उससे कट्टी कर ली। तो दर्श ने सॉरी कहा।
पापा-- फिर क्‍या हुआ।
जादू- फिर क्‍या फ्रैंडशिप। और क्‍या।
पापा- फिर अगला सॉरी कब हुआ।
जादू- फिर दर्श ने मुझे तड़ से मारा। मैंने कहा- दर्श सॉरी बोलो।
दर्श ने फौरन सॉरी बोल दिया।
पापा- और थर्ड सॉरी।
जादू--मैंने दर्श को मुंह पर मारा, तो वो रोया। क्‍योंकि वो मेरे साथ चल नहीं रहा था। मेरी बात नहीं मान रहा था।
पापा- फिर
जादू- फिर क्‍या, मैंने सॉरी बोल दिया और फ्रैंडशिप हो गयी।
पापा- और फोर्थ सॉरी...
जादू- फोर्थ सॉरी तो हुआ ही नहीं। सॉरी..मेरा ध्‍यान नहीं था इसलिए चार बार सॉरी कहने का बता दिया।
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बहुत दिनों बाद जादू पापा-मम्‍मा के साथ लोकल-ट्रेन से अंधेरी गये। शाम का वक्‍त था। सब दौड़-दौड़ कर ट्रेन पकड़ रहे थे। जादू हैरान रह गये--बोले..मम्मा वो देखो...लोग पता नहीं क्यों भाग रहे हैं।
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एक दिन पापा और जादू एक कुरियर ऑफिस गये।
पापा को कोई कुरियर करना था।
वहां दस पंद्रह टेबल पर लोग कुरियर का काम कर रहे थे।
जादू बोले--पापा पापा ये कौन-सा स्‍कूल है।
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Monday, December 2, 2013

जादू बुलेटिन: पापा आमिर अंकल की बाइक उड़ सकती है तो आपकी क्‍यों नहीं।

आज जादू पापा के साथ वेजीटेबल लेने गये।

'जादू की पुडिया' पर जादू के पापा आपको बता रहे हैं जादू की ताज़ा बातें। यानी ये है जादू की बातों का ताज़ा बुलेटिन।

जादू जी आजकल टीवी पर धूम-3 का ट्रेलर देखते रहते हैं।
इस ट्रेलर से जादू जी के मन में दो सवाल उठे हैं। एक तो ये कि आमिर अंकल बिल्डिंग की वॉल पर कैसे चल लेते हैं। और दूसरा सवाल ये है--'पापा आमिर अंकल की बाइक तो उड़ सकती है ना। तो फिर आपकी बाइक क्‍यों नहीं उड़ती'। पापा ने किसी तरह दोनों सवालों के जवाब दे ही दिये हैं। और ख़बरदार कर दिया है...वो ऐसी कोई कोशिश कभी ना करें।
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आज जादू और पापा वेजीटेबल लेने गये। जादू ने पापा से कहा...पापा carrot ज़रूर ले लीजिएगा। फिर जादू ने पूछा--'पापा white कलर की भी कैरट होती है।' पापा को समझ नहीं आया कि मामला क्या है। दरअसल जादू जी मूली को सफेद गाजर कह रहे थे।
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एक दिन जादू अपने आप से बातें कर रहे थे और उनका डायलॉग था ये।
'जो खाना चाहिए वो मैं नहीं खाता हूं। जो नहीं खाना चाहिए--वो भी मैं नहीं खाता हूं'। 

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कल जादू पापा के साथ कहीं बाज़ार जा रहा था।
पापा को गाड़ी ड्राइव करते देखकर जादू ने कहा--'पापा जब मैं बड़ा हो जाऊंगा ना तो आपकी कार मैं ले लूंगा। आपकी बाइक भी मैं ले लूंगा। मैं ड्राइव करूंगा। फिर आप अपने लिए रेड, मरून, ब्‍लू, ब्‍लैक... जो मरज़ी आये गाड़ी ले लेना। ये ठीक रहेगा ना पापा।

......... पापा मुस्‍कुरा दिये।

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जादू को इन दिनों ड्राइविंग का शौक़ लगा है। कार से कहीं जाएं या बाइक से-- जादू ध्‍यान से देखता है कि कहां से क्‍या किया जाता है। वो कहता है कि उसकी सायकिल पापा की गाडियों से भी ज्‍यादा फास्‍ट है। आजकल जादू बाक़ायदा अपनी सायकिल को पार्क करते हैं। यानी पहले आगे ले जाकर फिर रिवर्स करते हैं। और फिर पापा से पूछते हैं-- पापा सीधी/ स्‍ट्रेट लगायी ना। देखा मुझे सायकिल पार्क करते आ गयी।
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जादू ने पापा से कुछ गाने डाउनलोड करवाएं हैं।
जादू नये और पुराने दोनों तरह के गाने सुनते हैं। अमूमन दिन में जादू नये गाने सुनते हैं। और रात को सोते वक्‍त पुराने पर बच्‍चों वाले गाने।
जैसे-- 'चलो चलें मां सपनों के गांव में'। 'रेलगाड़ी'। 'लकड़ी की काठी' वग़ैरह। 

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सुबह सुबह दोसा खाते हुए जादू बोले--पापा केक वाली, आइसक्रीम वाली, चॉकलेट वाली सारी शॉप्‍स बंद करवा दीजिए। मुझे तो सिर्फ दोसा अच्‍छा लगता है। 

Tuesday, November 12, 2013

जादू ने बताये....बारिश रोकने के उपाय


25 अक्‍तूबर को भाई सागर नाहर ने बारिश से त्रस्त होकर फेसबुक पर गुहार लगायी--'किसी को बारिश रोककर एकाध दिन के लिए सूरज के दर्शन कराने का मंतर आता है क्‍या'।

लोगों ने तरह तरह के उपाय बताये। शिशिर जी ने बताया--' झाड़ू का मुंह ऊपर की तरफ करके आंगन में हत्‍थे के बल रख दिया जाए।'। या 'तवे को उल्‍टा करके रख दिया जाये बाहर'। पर बात नहीं बनी। हमने सागर भाई से कहा कि जादू जी को उपाय आते हैं। सागर भाई के कहने पर जादू जी से बात की गयी। और ये रहे बारिश रोकने के उनके उपाय--

1. मैं क्‍लाउड्स को फोन करूंगा और उनसे कहूंगा कि जाकर समुद्र में डूब जाओ। पर फिर जादू जी को लगा कि अरे इससे तो 'पोब्‍लम' हो जायेगी। समंदर में शार्क क्‍लाउड्स के अंदर फंस जायेगी तो बेचारी तैर नहीं पायेगी।

2. इसके बाद जादू जी ने कहा, पापा एक और आयडिया। आप ब्रिज के ऊपर जाना। बलून फुलाना। मैं बलून लेकर उड़ जाऊंगा। दूसरे बलून से आप आ जाना। तीसरे से मम्‍मा आ जायेंगी। फिर हम क्लाउड्स पर जायेंगे और उन्‍हें नीचे धकेलेंगे। वो समद्र में डूब जायेंगे और बारिश रूक जायेगी।

3. जादू जी का तीसरा उपाय। मैं क्‍लाउड्स का सारा पानी लेकर तालाब में फेंक दूंगा तो बादल सोचेगा कि शायद तो ये जादू की शरारत है। ये तो मेरे जादू ने ही किया होगा। चलो उसे ढूंढते हैं। उसके घर जाते हैं। टिंग टॉन्‍ग। क्‍लाउड बेल बजायेगा। मैं तो दरवाज़ा बंद करके सो जाऊंगा।
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एक दिन स्‍कूल से वापस आने पर जादू जी ने ये ज्ञान दिया-- पापा, पता है, कोई कोई लोगों का नाम होता है। जैसे आपका नाम है यूनुस ख़ान। रेडियो पर आप ऐसे बोलते हो--मैं हूं आपका दोस्‍त यूनुस खान। ... हा हा हा। पर पापा कोई कोई लोगों को नहीं होता। जैसे स्‍कूल बस के कंडक्टर अंकल और दीदी का नाम नहीं है।

हमने पूछा, अच्‍छा तो उनका क्‍या नाम है। जादू खीझ गये। अरे बताया ना कि उनका नाम नहीं है। पापा, पता है नाम कहां होता है। गले के खूब अंदर एक वॉल होती है। वहां लिखा होता है सबका अपना अपना  नाम।
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एक दिन जादू बिल्डिंग में नीचे खेल रहे थे। अचानक किसी साथी से रूठ गये। वो उसे मनाने गया तो माने नहीं। फिर पापा गये तो मान गये। ओर बोले... पता है पापा....

जब आप मुझे मना रहे थे और मैं रूठ गया था ना तो मेरे अंदर हंसी भर गयी थी पर मैं नहीं हंसा। मैंने हंसी रोक ली।

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Thursday, October 17, 2013

मम्‍मा, आप भी वेजीटेबल खाओगी तो पापा की तरह टॉल हो जाओगी।

मम्‍मा जादू से रोज़ कहती हैं कि जादू आप वेजीटेबल नहीं खाते हो। आपका टिफिन बिना खाए वापस आता है। परांठा तो खा लेते हो। वेजीटेबल छोड़ देते हो। ये ठीक नहीं है। वेजीटेबल से विटामिन्‍स मिलते हैं। आप ताक़तवर बनोगे। जादू रोज़ कुछ ना कुछ बहाने बना रहा था सब्‍ज़ी नहीं खाने के। सब्‍ज़ी अच्‍छी नहीं लगती। तीखी लगती है। कभी वो कहता उसमें धागा होता है। जादू सब्जि़यों के रेशों और बारीक लंबे कटे प्‍याज़ को धागा बोलता है।

मम्‍मा ने फिर एक दिन डांटते हुए कहा, बेटा सब्‍ज़ी खाना ज़रूरी है।
जादू ने बहाना बनाना शुरू किया।
''मम्‍मा, आप रोज़ रोज़ सब्‍ज़ी परांठा ही क्‍यों देती हो टिफिन में।''
मम्‍मा- अच्‍छा मतलब... क्‍या देना चाहिए।

जादू-- अरे रोज़ अलग अलग कुछ दीजिए ना। जैसे कभी केक है। कभी क्रीम बिस्किट है। कभी चॉकलेट्स हैं। कभी स्‍वीट्स। कभी फ्राइड राइस दो और कभी डोसा चटनी दो ना मम्‍मा।

मम्‍मा ने उसकी डिमान्‍ड पर टिफिन का मेनु बदल दिया।

एक दिन वेजीटेबल पुलाव भेजा गया। जादू ने उसमें से सब्जि़यां चुन-चुन के निकाल दीं और चावल खत्‍म करके आ गया। स्‍कूल से लौटने पर मम्‍मा ने देखा--खाली सब्जियों के टुकड़े बचे हैं।

अगले दिन फिर सब्‍ज़ी परांठा दिया गया। जादू ने फिर सब्‍ज़ी नहीं खायी।
मम्‍मा ने फिर पूछा, तो जादू ने कहा--'बोला ना आपको, आप कभी खीर दो। कभी डोसा चटनी दो।

आज मम्‍मा ने डोसा-चटनी बनाकर दिया। खीर भी बनायी जादू के लिए।
जादू ने डोसा तो खाया। पर अभी भी जादू सब्जियां नहीं खाता।
मम्‍मा कहती हैं-- कोई बताये जादू की इस बहानेबाज़ी का क्‍या किया जाए।

अकसर जादू ये कहते हैं--मम्‍मा सब्जियां आप खा लिया करो। मिल्‍क पिया करो। क्‍योंकि देखो पापा कितने टॉल हैं और आप कितनी छोटी-सी हो मम्‍मा। आप भी खाओगी पियोगी ना, तो पापा की तरह बिग हो जाओगी।

Tuesday, October 15, 2013

मम्‍मा सांता अंकल से कहो क्रिसमस जल्‍दी कर दें।

जादू को मम्‍मा-पापा ने बता रखा है कि good behaviour करो तो सांताक्‍लॉज़ गिफ्ट देते हैं। टॉयज़ देते हैं। और गेम्‍स भी। और चॉकलेट्स भी। हर बार क्रिसमस पर सांता जादू के सिरहाने गिफ्ट्स के पैकेट रख जाते हैं। सुबह जब जादू की नींद खुलती है तो वो इन पैकेट्स को खोलता है।

क्रिसमस के अलावा भी जब सांता खुश होते हैं तो जादू के सिरहाने साल में कभी भी गिफ्ट रख सकते हैं। जादू को सांता का इंतज़ार रहता है।

आज सुबह जब जादू जी उठे तो उन्‍होंने मम्‍मा से कहा, मम्‍मा क्रिसमस कब है।
मम्‍मा ने कहा, बेटा क्रिसमस टू मंथ्‍स बाद आयेगा।
जादू बोले, तो मम्‍मा सांता मोनजिनीस (केक शॉप) पर आयेंगे, लास्‍ट ईयर की तरह।
मम्‍मा-- हां बेटा।

जादू-- तो गिफ्ट भी देंगे क्‍या वैसे ही
मम्‍मा- हां

थोड़ी देर बाद

जादू-- मम्‍मा सांता से एक बात कहनी है।
मम्‍मा- क्‍या बेटा

जादू-- यही कि इस बार क्रिसमस जल्‍दी ला दें। मुझसे वेट नहीं होता।

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एक दिन जादू सुबह सुबह उठे तो बोले, पापा ऐसा नहीं हो सकता कि सुबह जल्‍दी हो जाए। पापा ने पूछा, क्‍यों क्‍यों।
जादू-- इसलिए क्‍योंकि मुझे सोना अच्‍छा नहीं लगता। जल्‍दी सुबह हो जायेगी तो मैं जल्‍दी उठ जाऊंगा और अपने टॉयज़ से खेलूंगा।
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आज सुबह जादू ने पापा से कहा, पापा आप एक सायकिल ख़रीद लीजिए।
पापा-- क्‍यों बेटा
जादू- इसलिए क्‍योंकि मेरे पास सायकिल है और आपके पास नहीं है।
पापा मुस्कुरा दिये।
जादू -- लेकिन पापा आप बिग सायकिल ख़रीदना। क्‍योंकि आपके पैर बिग बिग हैं ना इसलिए।
और मम्‍मा के लिए भी एक सायकिल ख़रीद दीजिए। हम सब सायकिल से चलेंगे।

ज़रा सोचिए पेट्रोल-संकट और महंगाई के युग में जादू ने कितनी भली सलाह दी है।

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Saturday, July 6, 2013

क्‍या एरोप्‍लेन में वाइपर होता है।

जादू स्‍कूल से आया, मम्‍मा ने प्‍यार किया, गले लगाया, बोली, कितना 'मिस' करती है मम्मा जादू को।
जादू ने मम्‍मा से पूछा, मम्‍मा मैं स्‍कूल चला गया था, तो आप मुझे याद कर रही थीं।
मम्‍मा ने कहा, हां बेटा, जब भी नज़र के सामने नहीं होता बच्‍चा, तो मम्‍मा याद ही करती रहती है।
जादू-- मम्मा पर मैंने तो आपको याद नहीं किया। मैं तो स्‍कूल में 'बिज़ी' रहता हूं ना, मुझे पढ़ाई भी तो करनी रहती है। क्‍या करूं।
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इसी तरह एक दिन जब मम्मा मॉर्निंग शिफ्ट के बाद घर आयी तो जादू बोला, मम्‍मा मैं आपको सपने में देख रहा था, सुबह आप नहीं मिलीं तो मैंने आपको बहुत 'मिस' किया।
मुझे आपकी ना.....याद आ रही थी। मैंने पापा से आपके बारे में पूछा।

मम्‍मा ने कहा, बेटा मुझे भी आपकी याद आ रही थी, इसलिए कई बार आपको फोन किया।

जादू--'लेकिन मम्‍मा, आप ना मुझे सपने में मत देखना। नहीं तो आपका काम गड़बड़ हो जायेगा। प्रोग्राम करती हो ना?

थोड़ी देर बाद....

जादू---'मम्‍मा एरोप्‍लेन में वाइपर होता है, कितनी तेज़ बारिश हो रही है। बारिश में पायलेट अंकल एरोप्‍लेन कैसे चलायेंगे। एरोप्‍लेन भीग जायेगा तो उड़ेगा कैसे।'

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